यकीनन मैं
तुम्हारे साथ नहीं हूँ
पर यहाँ अपने पास भी
मैं नहीं हूँ
तुम्हे कहो मैं कहा हूँ
अगर कही भी नहीं हूँ.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कई बार हमारी ज़िनदगी में कई चीज़ें अधूरी रह जाती हैं, जिन्हें हम पूरा तो करना चाहते हैं परन्तु नहीं कर पाते. मेरा यह ब्लॉग उन्ही अधूरे पन्नों को पूरा करने की एक कोशिश है.
बहुत शानदार...छोटी है..लेकिन बहुत कुछ कहती है...
ReplyDeleteप्रेम भरे भावों की सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई...
यकीनन मैं
ReplyDeleteतुम्हारे साथ नहीं हूँ
पर यहाँ अपने पास भी
मैं नहीं हूँ
तुम्ही कहो मैं कहा हूँ
अगर कही भी नहीं हूँ.
वाह अति सुन्दर,शुभकामनायें